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द गर्ल इन रूम 105

"ठीक है, तो आप वहां से चलना शुरू कीजिए। हम 238, बेस्टएंड ग्रीन्स में हैं। " "यह तो जारा के पैरेंट्स के घर का पता है।' 'जी हां, अपने साथ कुछ और पुलिस वालों को लेकर आइएगा। आज मैं आपको सबूत के साथ जारा के

कातिल को सौंप दूंगा।' "क्या? कौन? कैसे? तुम श्योर हो?'

'यहां चले आइए और आपको सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे।'

मैंने फ़ोन से सिर उठाकर देखा। सफ़दर मुझे देखकर मुस्करा दिए। "ये जनरेशन अपने फ़ोन को लेकर एडिक्ट हो चुकी है। जारा भी ऐसी ही थी। '

'सॉरी अंकल, ' मैंने कहा। 'मेरी मां पूछ रही थी कि मैंने खाना खाया या नहीं।"

'पैरेंट्स से ज्यादा आपको कोई प्यार नहीं कर सकता।'

दो सर्वर्स डायनिंग रूम में चले आए। दोनों के हाथों में खाने से भरी ट्रे थीं। उन्होंने डिशेज़ को टेबल पर सजा

दिया - पीली दाल, फुल्के, गोभी आलू, चिकन सूप और रायता। राम के मौके को देखते हुए लोन परिवार ने सादा

खाना बनवाया था, जबकि अमूमन उनके घर पर बहुत ही शानदार खाना परोसा जाता था। सर्वर्स ने हमारी प्लेट्स में एक-एक कर सभी चीजें रख दीं।

'मैंने भी पिछले साल ही फ़ेसबुक जॉइन किया है। अब मुझे कहा जा रहा है कि मुझे इंस्टेंटग्राम पर भी होना

चाहिए।"

'इंस्टाग्राम, सौरभ ने कहा। 'हां, वही। ये सब बहुत कंफ्यूजिंग है। क्या कोई और ऐसा एप्प है, जिसका मुझे इस्तेमाल करना चाहिए?"

सफ़दर ने कहा।

'सौरभ का एक फ़ेवरेट एप्प है, जिसकी मदद से वो नए दोस्त बनाता है, मैंने कहा। "कौन सा?" सफ़दर ने पूछा।

'कुछ नहीं, ' सौरभ ने मुझे टेबल के नीचे से लात मारते हुए कहा ।

'आज तो पूरी दुनिया ही एम्स से चल रही है.' रघु ने कहा 'वाय द वे, इंस्टाग्राम को फेसबुक ओन करता

"ऐसा?" सफ़दर ने हैरानी से कहा।

करता

है।'

"हां, व्हॉट्सएप्प को भी, रघु ने कहा। वह हाथों से दाल-चावल खा रहा था, जैसा हॉस्टल में किया था।

'मुझे व्हॉट्सएप्प बहुत पसंद है,' फ़ैज़ ने कहा 'इसकी मदद से मैं अपने से बहुत दूर मौजूद लोगों से भी जुड़ा रह सकता हूं।' खाना खत्म हो गया था। सफदर ने सर्वर्स से कहा कि जाने के बाद दरवाज़े लगा दें। यह सुनकर फ़ैज़ चौंका

और सफ़दर की ओर देखने लगा, लेकिन वो अब भी मुस्करा रहा था।

'सॉरी, मैं जारा के केस पर बात करना चाहता था और मैं नहीं चाहता था कि कोई और हमारी बातें सुने।' फ़ैज़ ने चपाती को दाल से खाते हुए सिर हिलाया।

"उस वॉचमैन पर मुकदमा जल्द ही शुरू होगा?' फ़ैज़ ने कहा ।

‘बॉचमैन ने ज़ारा को नहीं मारा है, ' सफ़दर ने सधी हुई आवाज़ में कहा।

'वॉचमैन ने नहीं मारा?" फ़ैज़ ने कहा, वह खाते-खाते रुका गया। 'नहीं, ' मैंने अपने छुरी-कांटे को मेज पर रखते हुए कहा।

"तुम श्योर हो कि लक्ष्मण वॉचमैन ने जारा को नहीं मारा है? पुलिस ने तो टीवी पर यही कहा था कि वही

हत्यारा है.' फ़ैज़ ने कहा।

'हां, मैं श्योर हूं, और मैं यह भी जानता हूं कि हत्यारा कौन है।"

सभी की आंखें फ़ैज़ की ओर घूम गई। उसके हाथ कांपने लगे। "आप सभी मेरी तरफ ऐसे क्यों देख रहे हैं?" फ़ैज़ ने कहा ।

"ग़द्दार, मैंने तुम्हें अपने बेटे की तरह समझा था, ' सफ़दर ने कहा।

"ये आप क्या कह रहे हैं, अंकल?' फ़ैज़ ने कहा ।

सफ़दर ने अपना सिर दबा लिया और कहा, केशव, तुम बात जारी रखो।"

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